Something to introspect
Got this as a whatsapp message. Found it very meaningful and worth sharing.
•२००० square फीट के घर में
सिर्फ २०० फीट में हम रहते है । ....और
सिर्फ २०० फीट में हम रहते है । ....और
•बाकि के १८०० फीट में
हमारा अहंकार रहता है ॥
हमारा अहंकार रहता है ॥
"वक्त" और "दौलत" के बीच का
सबसे बड़ा अंतर....
•आपको हर "वक्त" पता होता है कि
आपके पास कितनी "दौलत" है । ....लेकिन
आपके पास कितनी "दौलत" है । ....लेकिन
•आप यह बिल्कुल भी नही जानते कि
आपके पास कितना ''वक्त"है ॥
आपके पास कितना ''वक्त"है ॥
•पायल हज़ारो रूपये में आती है,
पर पैरो में पहनी जाती है । ....और
•बिंदी 2 रूपये में आती है,
मगर माथे पर सजाई जाती है ॥
मगर माथे पर सजाई जाती है ॥
•इसलिए कींमत मायने नहीं रखती,
उसका मान मायने रखता हैं ॥
उसका मान मायने रखता हैं ॥
•एक किताबघर में पड़ी गीता और कुरान आपस में कभी नहीं लड़ते ।
•और जो उनके लिए लड़ते हैं वो
कभी उन दोनों को नहीं पढ़ते ॥
कभी उन दोनों को नहीं पढ़ते ॥
•नमक की तरह कड़वा ज्ञान देने वाला ही सच्चा मित्र होता है,
मीठी बात करने वाले तो चापलूस भी होते है ।
•इतिहास गवाह है की आज तक कभी नमक में कीड़े नहीं पड़े । ....और
•मिठाई में अक़्सर कीड़े पड जाया करते है ॥
•मिठाई में अक़्सर कीड़े पड जाया करते है ॥
•विज्ञान कहता है:
“जीभ पर लगी चोट
सबसे जल्दी ठीक होती है ।" ....और
•ज्ञान कहता है:
“जीभ से लगी चोट कभी ठीक नहीं होती … !!”
“जीभ से लगी चोट कभी ठीक नहीं होती … !!”
Something to introspect
Reviewed by Unknown
on
Wednesday, March 02, 2016
Rating:
No comments: